मुख्य संवाददाता, सिरसा
नशा, इलाके में कितनी गहरी जड़ जमा चुका है, इसका अंदाजा इसी बात से
लगाया जा सकता है कि एक अकेली दुकान में तीन महीने के दौरान दो करोड़ नशे की
गोलियों की आपूर्ति हुई। नशे की गोलियों की इतनी बड़ी खेप कहां खपाई गई, इस
सवाल का जवाब औषधि विभाग दो दिन की मगजमारी के बाद भी नहीं ढूंढ पाया।
आरोपी अभी भी पुलिस से दूर है। फिलहाल मामले को लेकर सस्पेंस बरकरार है।
दो दिन पहले हुए इस सनसनीखेज खुलासे के बाद अब बड़ा सवाल यह है कि दो
करोड़ नशे की गोलियों की आपूर्ति कहां की गई। औषधि विभाग इस सवाल का जवाब
खोजने में नाकाम साबित हुआ है। औषधि निरीक्षक विजया राजे का कहना कि कई बार
आरोपी मेडिकल संचालक के यहां छापे मारे जा चुके हैं, लेकिन रिकवरी नहीं हो
पाती।
बता दें कि इस वर्ष फरवरी महीने में भी औषधि विभाग ने उक्त मेडिकल शाप
पर छापा मारा था। प्राथमिकी भी दर्ज हुई थी, लेकिन यह खेल बदस्तूर जारी
रहा। इसे की सुस्ती कहा जाए या फिर मेडिकल शॉप संचालक का दुस्साहस, कि
फरवरी में छापा लगने के बाद भी अप्रैल से लेकर जुलाई महीने के बीच दो करोड़
अल्प्राजोलम की गोलिया सांपला (रोहतक) से मंगवाई। जाहिर है, तीन महीनों में
दो करोड़ दवा मंगाई गई हैं तो पूरे साल में यह आंकड़ा कहां जाएगा, इसका
अनुमान लगाया जा सकता है।
औषधि विभाग अब दो दिन से नशे के नेटवर्क को समझने के लिए मगजमारी कर
रहा है। लेकिन, कामयाबी अभी दूर नजर आ रही है। दवा के कारोबार से जुड़े
सूत्रों का मानना है कि अल्प्राजोलम दवा की कीमत कम होने की वजह से
नशेड़ियों की पहली पसंद बनी है। बताया जाता है कि जिले के अलावा पंजाब के
समीपवर्ती इलाकों में इस दवा की काफी मांग है। बल्कि, पंजाब में यह दवा
महंगे दाम पर बिकती है।
जिला औषधि निरीक्षक विजया राजे का कहना है कि दो करोड़ दवा कहां गई, यह
खुलासा आरोपी के पकड़े जाने के बाद हो पाएगा। लेकिन, जब भी उसके यहां छापा
मारा जाता है, उससे रिकवरी नहीं मिलती। विभाग अब उसके ठिकाने ढूंढ रहा है।
एक एमजी की गोली सवा रुपये में
अल्प्राजोलम की एक एमजी डोज की गोली सवा रुपये में बिकती है। आधा एमजी
की एक रुपये और 0.25 एमजी डोज 75 पैसे में मिलती है। एक दवा विक्रेता ने
बताया कि नशे के आदी लोगों को जेनरिक दवा दी जाती है। बाजार में जेनरिक दवा
की सौ गोलियां 10 से लेकर 15 रुपये में बिकती हैं।
अनिद्रा पीड़ितों के लिए है दवा
सामान्य अस्पताल के कार्यकारी चिकित्सा अधीक्षक डा. वीरेश भूषण ने
बताया कि अल्प्राजोलम दवा मुख्य रूप से अनिद्रा पीड़ितों के लिए होती है।
यह दवा ऐसे मरीजों को दी जाती है, जिन्हे नींद न आती हो और मरीज ब्लड
प्रेशर या अन्य बीमारी से पीड़ित हो। बेहद सस्ती दवा होने के कारण नशेड़ियों
की मनपंसद दवा कही जा सकती है। उन्होंने कहा कि यह दवा बिना चिकित्सक की
सलाह के नहीं दी जा सकती।
समाप्त
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